वो बचपन के दिन , वो अपनी अलग ही धुन ।
किस्से कहानियां नानी दादी के, वो नाना और दादा जी का प्यार ।
एक अलग ही सफर में था , मैं और मेरा साथ ।
वो गली मोहल्लों में खुला बंटता प्यार , वो आमों की चोरी वो पापा की डांट ।
आंखो से झलकता वो उन यादों का घुमार , आज भी याद दिलाता है वो बचपन का प्यार ।
वो बचपन के दिन , वो अपनी अलग ही धुन ।
आज इस तेज भागती जिंदगी में , वो दो पल सुकून के चाहिए वही वाला बचपन और वही वाली यादें चाहिए ।
©short sweet
वो बचपन के दिन ।
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