दर्द भरा दरिया, दिल किनारे पर है आंखो की बहती कश्त | हिंदी Shayari

"दर्द भरा दरिया, दिल किनारे पर है आंखो की बहती कश्ती,शायद सहारे पर है डूब जाऊं या फिर यूं ही भटकता रहू? दिल न जाने रूक गया किस ठिकाने पर है ©Àman Singh Solanki"

 दर्द भरा दरिया, दिल किनारे पर है
आंखो की बहती कश्ती,शायद सहारे पर है

डूब जाऊं या फिर यूं ही भटकता रहू?
दिल न जाने रूक गया किस ठिकाने पर है

©Àman Singh Solanki

दर्द भरा दरिया, दिल किनारे पर है आंखो की बहती कश्ती,शायद सहारे पर है डूब जाऊं या फिर यूं ही भटकता रहू? दिल न जाने रूक गया किस ठिकाने पर है ©Àman Singh Solanki

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