White बैठी मैं अकेले मैं अक्सर मैने अकेलेपन से द | हिंदी शायरी

"White बैठी मैं अकेले मैं अक्सर मैने अकेलेपन से दोस्ती की रात के तारों से दोस्ती की दिन की सूरज की किरणों दोस्ती की तन्हाई अक्सर पूछा करती मुझसे तमन्ना क्या है तेरे और मैं कमबख्त जो रोज फिर से तन्हा हो जाती... ©Mahima Bisht"

 White बैठी मैं अकेले  मैं अक्सर 
मैने अकेलेपन से दोस्ती की
रात के तारों से दोस्ती की
दिन की सूरज की किरणों दोस्ती की
तन्हाई अक्सर पूछा करती मुझसे  तमन्ना क्या है तेरे 
और मैं कमबख्त जो रोज फिर से तन्हा हो जाती...

©Mahima Bisht

White बैठी मैं अकेले मैं अक्सर मैने अकेलेपन से दोस्ती की रात के तारों से दोस्ती की दिन की सूरज की किरणों दोस्ती की तन्हाई अक्सर पूछा करती मुझसे तमन्ना क्या है तेरे और मैं कमबख्त जो रोज फिर से तन्हा हो जाती... ©Mahima Bisht

लफ्ज़ ए दिल...

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