Let's pray for Afghanistan. हे! परमेश्वर क्षत विक्

"Let's pray for Afghanistan. हे! परमेश्वर क्षत विक्षत शव बिखर रहे अफगान में । प्राण बचाने हुए असम्भव निर्मम तालिबान हैं ।। कैसे हो लोगों की सुरक्षा सबको प्राण बचाने हैं। बदल गये हैं तालिबानी ये सब व्यर्थ बहाने हैं ।। दया करो प्रभु रक्षा करदो मरते लटक विमान में । हे!परमेश्वर... ©bhishma pratap singh"

 Let's pray for Afghanistan. हे! परमेश्वर क्षत विक्षत शव बिखर रहे अफगान में ।
प्राण बचाने हुए असम्भव निर्मम तालिबान हैं ।।
कैसे हो लोगों की सुरक्षा सबको प्राण बचाने हैं।
बदल गये हैं तालिबानी ये सब व्यर्थ बहाने हैं ।।
दया करो प्रभु रक्षा करदो मरते लटक विमान में ।
हे!परमेश्वर...

©bhishma pratap singh

Let's pray for Afghanistan. हे! परमेश्वर क्षत विक्षत शव बिखर रहे अफगान में । प्राण बचाने हुए असम्भव निर्मम तालिबान हैं ।। कैसे हो लोगों की सुरक्षा सबको प्राण बचाने हैं। बदल गये हैं तालिबानी ये सब व्यर्थ बहाने हैं ।। दया करो प्रभु रक्षा करदो मरते लटक विमान में । हे!परमेश्वर... ©bhishma pratap singh

#अफगानिस्तान के लिए प्रार्थना#हिन्दी कविताअगस्त माह#भीष्म प्रताप सिंह#Afghanistan

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