सोच समझकर एतबार करना मेरे दोस्त, हमदर्द को हरामी ब

"सोच समझकर एतबार करना मेरे दोस्त, हमदर्द को हरामी बनते देर नही लगती...! ©Durgesh singh"

 सोच समझकर एतबार करना मेरे दोस्त,
हमदर्द को हरामी बनते देर नही लगती...!

©Durgesh singh

सोच समझकर एतबार करना मेरे दोस्त, हमदर्द को हरामी बनते देर नही लगती...! ©Durgesh singh

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