पेड़ सूखा हैं डाली सूखी हैं लगता बरसात अभी रूठीं ह | हिंदी Shayari

"पेड़ सूखा हैं डाली सूखी हैं लगता बरसात अभी रूठीं हैं बरस जाओं घटा सूखे दरख्त कहते हैं तड़पते हैं दरख्त पर आस नहीं टूटीं हैं ©Savitri Parveen Kumar"

 पेड़ सूखा हैं डाली सूखी हैं लगता बरसात अभी रूठीं हैं बरस जाओं घटा सूखे दरख्त कहते हैं तड़पते हैं दरख्त पर आस नहीं टूटीं हैं

©Savitri  Parveen Kumar

पेड़ सूखा हैं डाली सूखी हैं लगता बरसात अभी रूठीं हैं बरस जाओं घटा सूखे दरख्त कहते हैं तड़पते हैं दरख्त पर आस नहीं टूटीं हैं ©Savitri Parveen Kumar

#Sukha

People who shared love close

More like this

Trending Topic