कभी कभी किसी की बातें दिल को इतना छुए जाती है
अनजान से राही को भी अक्सर मंजिले मिल जाती है
अफसोस ना करें कभी अपने अकेले पन का,
जिस दिन थाम लो गे हाथ मे कलम
खुदा क़सम तसल्ली हो जायेगी,
कलम जैसा साथ
दुनियां कहां निभा पाती है
वीर कहने मे सचाई यहाँ हर किसी की जीब अटक जाती है,
साहब जिंदगी ना जाने कैसी है,
कभी कभी किसी के साथ रहकर भी ना जाने क्यूँ
खामोश गुजारनी पड़ जाती है
©VEER BHAN
#walkalone