पल्लव की डायरी
देखो विनोद
अठारह घण्टो की मेहनत का प्रतिफल
अरबो का चन्दा आ रहा है
राष्ट्र निर्माण की जगह
,पार्टीऔर दलों का कोष भरा जा रहा है
आटे दाल दूध टेक्स के दायरे में
महँगाई के तड़के से जनमानस मरा जा रहा है
पेंशन रोजगार नॉकरी के लिये नही बजट
सबसिडी से जनता को बे दखल किया जा रहा है
चुनावी चन्दा मुखर हो चला है अब
अपराधों से उसे बहार किया जा रहा है
प्रवीण जैन पल्लव
©Praveen Jain "पल्लव"
#binod चुनावी चन्दा मुखर हो चला है अब
#nojotohindi