हर धड़कते पत्थर को भी लोग दिल समझ लेते हैं, हर धड़ | हिंदी Shayari

"हर धड़कते पत्थर को भी लोग दिल समझ लेते हैं, हर धड़कते पत्थर को भी लोग दिल समझ लेते है, उन मतलबी लोगों को क्या मालूम, एक उमर गुज़र जाती है , एक मांस के टुकड़े को दिल बनाने में।। ©Befikar_Parindey"

 हर धड़कते पत्थर को भी लोग दिल समझ लेते हैं,
हर धड़कते पत्थर को भी लोग दिल समझ लेते है,
उन मतलबी लोगों को क्या मालूम,
एक उमर गुज़र जाती है ,
एक मांस के टुकड़े को दिल बनाने में।।

©Befikar_Parindey

हर धड़कते पत्थर को भी लोग दिल समझ लेते हैं, हर धड़कते पत्थर को भी लोग दिल समझ लेते है, उन मतलबी लोगों को क्या मालूम, एक उमर गुज़र जाती है , एक मांस के टुकड़े को दिल बनाने में।। ©Befikar_Parindey

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