#ChangeToday#GST,मुलाहिज़ा फरमाएं दोस्तो----
आफत में ला दिया है फिर इस साल भी जीएसटी ने,जो मटन पे थी,वही दाल पेभी एकसारी लगे है,ये जीएसटी//१
खुद साल कह रहा है,इस साल ही नहीं,हर साल ही रुलाएगी,कि अब तो "जेबकतरी सी लगे है,ये जीएसटी//२*पाकिटमार
जो बांझ रहे गए हो,वो जाने क्या भला,जिनको है बाल बच्चे,उनको तो भारी लगे है,ये जीएसटी//३