तन्हाई में चलते चलते अब पैर लडखडा रहे हैं, कभी साथ | हिंदी Shayari

"तन्हाई में चलते चलते अब पैर लडखडा रहे हैं, कभी साथ चलता था कोई, अब अकेले चलें जा रहे हैं। ©mohmmad imran02"

 तन्हाई में चलते चलते
अब पैर लडखडा रहे हैं,
कभी साथ चलता था कोई,
अब अकेले चलें जा रहे हैं।

©mohmmad imran02

तन्हाई में चलते चलते अब पैर लडखडा रहे हैं, कभी साथ चलता था कोई, अब अकेले चलें जा रहे हैं। ©mohmmad imran02

#philosophy

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