वो मिला और मुस्कुरा दिया, हमें भी उसने हँसा दिया,
उस शाम के एहसास में, उसको इश्क है उसने बता दिया,
वो न बोलकर भी बोलता रहा, उसने जज़्बातों से हमें जता दिया,
उस दिन उसने जो किया, सच में चाँद ज़मी पर ला दिया।
जब साथ में बैठा रहा उसके, उसने मेरे कानों में कुछ गुनगुना दिया,
जैसे किसी फ़रिश्ते ने, हरे जख्म पर मरहम सा लगा दिया,
वो वक्त जो यूँ बीतता रहा, उसने उसे वही पर ठहरा दिया,
यक़ीन जानिए उस शख़्स ने, मुझ रोते हुए को हँसा दिया।
फिर साथ में बैठे हुए, जब उसने अपने दिल का पता दिया,
एक छोटी सी मुस्कान संग वो, शर्माया और फिर कदम बढ़ा दिया,
हाँथो में उसने हाथ को ले, होंठों पर होंठों से जाम छलका दिया,
मैं डूबा रहा उसके नशे में रात भर, उसने कुछ ऐसा जाम चखा दिया।
वो दूर होकर भी पास है, उसके भेजे हुए पत्र ने बता दिया,
वो सुबह सा रंगीन और शाम सा हसीन, ये उसकी बातों ने दिखा दिया,
हर रोज जिसकी चाह हो, उसने खुद को उस काबिल बना दिया,
जिसने जिस्मों के इस दौर में, रूह से मोहब्बत का मतलब समझा दिया।
©AK Ajay Kanojiya
"वो मिला और मुस्कुरा दिया, हमें भी उसने हँसा दिया,
उस शाम के एहसास में, उसको इश्क है उसने बता दिया,
वो न बोलकर भी बोलता रहा, उसने जज़्बातों से हमें जता दिया,
उस दिन उसने जो किया, सच में चाँद ज़मी पर ला दिया।"
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