"कभी मैं जीताऊंगा
कभी मैं हराऊंगा
कभी मैं हसाऊँगा
कभी मैं रुलाऊंगा
तू हाथ मत दिखा मुझे
मैं तेरा कल थोड़ी बताऊंगा
नदी को समुन्दर
पानी को बादल थोड़ी बनाऊंगा
तू ओस है मेरी ज़िन्दगी की
वजूद को प्यास से ना बुझाऊंगा
हां तुझे ज़िंदा रखूँगा
चाहे प्यासा मर जाऊंगा
©Yash Verma"