सफर ये मेरा मुझसे , मुझ तक है
इस सफर में, मैं हर रोज टूटता हूं
हर रोज़ खुद से ही मुकाबला करता हूं
हर रोज़ खुद से ही पीछे छूटता हूं
एक रोज़ से ही आगे निकलने की जिद होती है
एक रोज़ ख़ुद को ही पीछे छोड़ता हूं
एक रोज़ खुद को ही शाबाशी देता हूं
एक रोज़ खुद में ही टूटता हूं...
©Asheesh indian
सफर ये मेरा मुझसे , मुझ तक है
इस सफर में, मैं हर रोज टूटता हूं
हर रोज़ खुद से ही मुकाबला करता हूं
हर रोज़ खुद से ही पीछे छूटता हूं
एक रोज़ से ही आगे निकलने की जिद होती है
एक रोज़ ख़ुद को ही पीछे छोड़ता हूं
एक रोज़ खुद को ही शाबाशी देता हूं
एक रोज़ खुद में ही टूटता हूं...