तुमसे हम है हमसे तुम हो हमने तुमसे बोल दिया, जज़्बा | हिंदी शायरी

"तुमसे हम है हमसे तुम हो हमने तुमसे बोल दिया, जज़्बातों की गठरी को यूँ आपके आगे खोल दिया इश्क़ मुहब्बत की कहने में डरते है क्यों लोग भला, हम है हिम्मत वाले हमने सबके आगे बोल दिया आग लगी थी मयखाने में शराब सुनहरी जलती थी, हमने जलता जाम पकड़ कर, अपना गम भी घोल दिया सूट पहनकर आती है वो कितनी प्यारी लगती है उसके प्यारेपन पर हमने अपना दिल अनमोल दिया यारों ने बोला मुझसे कुछ अच्छा काव्य सुना 'चिन्मय' मैंने भी हँसकर के केवल राधा राधा बोल दिया ©Devesh Pandey 'Chinmay'"

 तुमसे हम है हमसे तुम हो हमने तुमसे बोल दिया,
जज़्बातों की गठरी को यूँ आपके आगे खोल दिया

इश्क़ मुहब्बत की कहने में डरते है क्यों लोग भला,
हम है हिम्मत वाले हमने सबके आगे बोल दिया
 
आग लगी थी मयखाने में शराब सुनहरी जलती थी,
हमने जलता जाम पकड़ कर, अपना गम भी घोल दिया

सूट पहनकर आती है वो कितनी प्यारी लगती है
उसके प्यारेपन पर हमने अपना दिल अनमोल दिया

यारों ने बोला मुझसे कुछ अच्छा काव्य सुना 'चिन्मय'
मैंने भी हँसकर के केवल राधा राधा बोल दिया

©Devesh Pandey 'Chinmay'

तुमसे हम है हमसे तुम हो हमने तुमसे बोल दिया, जज़्बातों की गठरी को यूँ आपके आगे खोल दिया इश्क़ मुहब्बत की कहने में डरते है क्यों लोग भला, हम है हिम्मत वाले हमने सबके आगे बोल दिया आग लगी थी मयखाने में शराब सुनहरी जलती थी, हमने जलता जाम पकड़ कर, अपना गम भी घोल दिया सूट पहनकर आती है वो कितनी प्यारी लगती है उसके प्यारेपन पर हमने अपना दिल अनमोल दिया यारों ने बोला मुझसे कुछ अच्छा काव्य सुना 'चिन्मय' मैंने भी हँसकर के केवल राधा राधा बोल दिया ©Devesh Pandey 'Chinmay'

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