तुम्हारे जानें के बाद ..
तुम्हारें जाने के बाद सुनो आज किसी ने मुझसें
फिर से मोह्हबत का इजहार किया था
कुछ दर्द सुख चुके थे मेरे उन्हें फिर से हरा किया था
गलती तो कोई नहीं थी ये तो मालूम है तुम्हें
बस उसने अपनी बातों को जाहिर किया था
कैसे रख दू अपनी ज़िन्दगी की किताब को फिर से उसके सामने
ये तो सिर्फ मैंने तुम्हारें लिए किया था
क्या वो मुझे तुम्हारी तरह सिर्फ सँभाल पायेंगा
दिखाए थे मैंने तुम्हें अपनी रूह और ज़िस्म पैर जो बचपन से लेकर
अबतक के दिए सबके वो हर तरह के छाले
क्या वो भी उन्हें अपना पाएंगे हो जाएंगी
क्या उसे सिर्फ़ मेरी आत्मा से मोहह्बत बिना छुए
तुम्हारी तरह मेरे साथ साथ चल पाएंगे
अक्सर सपनो मे आकर तुम कहते होना
कर लो अब तो शादी बोलो वो मेरे मेहँदी वाले हाथों में
भी मेरे रोते दिल के खून को ढून्ढ पाएंगे
©inner peace poet
तुम्हारे बारे में (innerpeacepoet)
सचिन सारस्वत @Sircastic Saurabh अभिषेक योगी (alfaaz_बावरे) VOICE OF NEW INDIA सचिन सारस्वत अभिषेक योगी (alfaaz_बावरे)