जिंदगी ने मौत को कुछ यू गले लगा लगाया,
कौन अपना कौन प्यारा कुछ समझ ना आया,
कमरे की दिवारे सुनी पड़ गयी,
मेरे गली की रौनक में कमी पड़ गयी,
रैन बसेरा था जहा वो सुना पड़ गया,
सासों का रिश्ता हवाओं से रुक्सत हो गया,
दिल से दूर रखने वाले आज पास आ गए,
मेरे जनाजे में आज दुश्मन भी आंसू बहा गए,
मौत बोली देख तूने क्या कमाया,
मैने उस हक्कित का आयना तुझे दिखाया,
दौलत तेरी कागजी-अलमारी में बंद है,
रोता है जो शक्स यहाँ वो तेरी असली दौलत है!
©Shayari#Ayushi
#UskiAankhein