यहां था कोहरा घना मैं था अंधेरों से सना तेरी धूप ज | हिंदी Shayari

"यहां था कोहरा घना मैं था अंधेरों से सना तेरी धूप जो पड़ी मुझपे मैं भी उंजलों सा बना, तेरी किरणों को फुहारों में मन रौशनी से भीग गया दस्तक तूने दी मैं खुद से प्यार करना सीख गया। . तेरा किया ख्याल तो रखने लगा मैं खुद का ख्याल तूने पूछा कैसे हो तब जाना मैंने खुद का हाल, मेरी आदतों को तूने दिया है एक नया अवतार तेरी वजह से मैं करने लगा खुद से प्यार। ©Mudita Karan"

 यहां था कोहरा घना मैं था अंधेरों से सना
तेरी धूप जो पड़ी मुझपे मैं भी उंजलों सा बना,

तेरी किरणों को फुहारों में मन रौशनी से भीग गया
दस्तक तूने दी मैं खुद से प्यार करना सीख गया।
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तेरा किया ख्याल तो रखने लगा मैं खुद का ख्याल
तूने पूछा कैसे हो तब जाना मैंने खुद का हाल,

मेरी आदतों को तूने दिया है एक नया अवतार
तेरी वजह से मैं करने लगा खुद से प्यार।

©Mudita Karan

यहां था कोहरा घना मैं था अंधेरों से सना तेरी धूप जो पड़ी मुझपे मैं भी उंजलों सा बना, तेरी किरणों को फुहारों में मन रौशनी से भीग गया दस्तक तूने दी मैं खुद से प्यार करना सीख गया। . तेरा किया ख्याल तो रखने लगा मैं खुद का ख्याल तूने पूछा कैसे हो तब जाना मैंने खुद का हाल, मेरी आदतों को तूने दिया है एक नया अवतार तेरी वजह से मैं करने लगा खुद से प्यार। ©Mudita Karan

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