"प्रेमिका की तड़प
दिल को कह दो तुम्हारे
ख़यालों से ज़रा फ़ुरसत निकाले
यहाँ करने के लिए गिले सिकबे बहुत हैं
कब तक रोऊँ मैं तेरे इश्क़ में मोहित
कोशिशों के बाबजूद भी फ़ासले बहुत हैं
तुम ना आए, तुम ना आओगे
पर अब भी मेरे दिल को हौसले बहुत हैं
हम ख़ुद तुम्हारी राह में बिछ जाते
पर क्या करें कमबख़्त
मेरी ज़िंदगी के भी वा मसले बहुत है
©MoHiTRoCk F44
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