इस्तिहार बंटते हैं, बंटते रहेंगे ताउम्र कही सुनी ब | हिंदी Poetry

"इस्तिहार बंटते हैं, बंटते रहेंगे ताउम्र कही सुनी बातों के बाजारों में..... मगर याद रहे..... उसकी छाप प्यार और सम्मान की स्याही से लिखे रिश्तों को धुंधला नही कर सकती..... ❣️ ©Surabhi Vyas"

 इस्तिहार बंटते हैं, बंटते रहेंगे ताउम्र कही सुनी बातों के बाजारों  में..... 


मगर याद रहे..... 


उसकी छाप प्यार और सम्मान की स्याही से लिखे रिश्तों को धुंधला नही कर सकती..... ❣️

©Surabhi Vyas

इस्तिहार बंटते हैं, बंटते रहेंगे ताउम्र कही सुनी बातों के बाजारों में..... मगर याद रहे..... उसकी छाप प्यार और सम्मान की स्याही से लिखे रिश्तों को धुंधला नही कर सकती..... ❣️ ©Surabhi Vyas

#Family

People who shared love close

More like this

Trending Topic