जब संविधान कहता है कि किसी का मौलिक अधिकार नहीं छी | हिंदी विचार

"जब संविधान कहता है कि किसी का मौलिक अधिकार नहीं छीना जाएगा तो हमारा समानता का अधिकार क्यों समाप्त हो जाता है? जब सभी समान हैं तो किसी भी जाति को आरक्षण क्यों दिया जाता है यह आरक्षण कुछ अकुशल लोगों को दिया जाता है जिन्हें परीक्षा में कुछ कम अंक मिले लेकिन आरक्षण के कारण नौकरी मिल गई यह देश की नींव हिला रहा है यह देश को बर्बाद कर देगा आज के छात्र जानना चाहते हैं कि जब सब समान हैं तो क्यों आरक्षण राजनीतिक मामला हो सकता है वह जमाना गया जब ऐसा हुआ करता था कि आरक्षण की जरूरत थी। आज हम सामान्य जाति के लोगों को आरक्षण की जरूरत है, जिनके पास दिमाग है, लेकिन आरक्षण की छूट ने उन्हें पिछड़ा बना दिया है। सरकार से यही अपील है कि आरक्षण नाम की इस बीमारी को मिटा दो अगर सच में सभी को समान समझा जाता है कृपया इसे अधिक से अधिक शेयर करें ताकि सरकार सामान्य जाति की ओर भी ध्यान दे सके। हम भी इंसान हैं। हमे भी एक अच्छी जिंदगी जीनी है.. आपका शुभचिंतक Ankit Singh Phogat ©Ankit Singh Phogat"

 जब संविधान कहता है कि किसी का मौलिक अधिकार नहीं छीना जाएगा तो हमारा समानता का अधिकार क्यों समाप्त हो जाता है? 

जब सभी समान हैं तो किसी भी जाति को आरक्षण क्यों दिया जाता है यह आरक्षण कुछ अकुशल लोगों को दिया जाता है जिन्हें परीक्षा में कुछ कम अंक मिले लेकिन आरक्षण के कारण नौकरी मिल गई

यह देश की नींव हिला रहा है यह देश को बर्बाद कर देगा आज के छात्र जानना चाहते हैं कि जब सब समान हैं तो क्यों आरक्षण राजनीतिक मामला हो सकता है

वह जमाना गया जब ऐसा हुआ करता था कि आरक्षण की जरूरत थी। आज हम सामान्य जाति के लोगों को आरक्षण की जरूरत है, जिनके पास दिमाग है, लेकिन आरक्षण की छूट ने उन्हें पिछड़ा बना दिया है।

 सरकार से यही अपील है कि आरक्षण नाम की इस बीमारी को मिटा दो अगर सच में सभी को समान समझा जाता है
 
 कृपया इसे अधिक से अधिक शेयर करें ताकि सरकार सामान्य जाति की ओर भी ध्यान दे सके। हम भी इंसान हैं।
हमे भी एक अच्छी जिंदगी जीनी है..

आपका शुभचिंतक

Ankit Singh Phogat

©Ankit Singh Phogat

जब संविधान कहता है कि किसी का मौलिक अधिकार नहीं छीना जाएगा तो हमारा समानता का अधिकार क्यों समाप्त हो जाता है? जब सभी समान हैं तो किसी भी जाति को आरक्षण क्यों दिया जाता है यह आरक्षण कुछ अकुशल लोगों को दिया जाता है जिन्हें परीक्षा में कुछ कम अंक मिले लेकिन आरक्षण के कारण नौकरी मिल गई यह देश की नींव हिला रहा है यह देश को बर्बाद कर देगा आज के छात्र जानना चाहते हैं कि जब सब समान हैं तो क्यों आरक्षण राजनीतिक मामला हो सकता है वह जमाना गया जब ऐसा हुआ करता था कि आरक्षण की जरूरत थी। आज हम सामान्य जाति के लोगों को आरक्षण की जरूरत है, जिनके पास दिमाग है, लेकिन आरक्षण की छूट ने उन्हें पिछड़ा बना दिया है। सरकार से यही अपील है कि आरक्षण नाम की इस बीमारी को मिटा दो अगर सच में सभी को समान समझा जाता है कृपया इसे अधिक से अधिक शेयर करें ताकि सरकार सामान्य जाति की ओर भी ध्यान दे सके। हम भी इंसान हैं। हमे भी एक अच्छी जिंदगी जीनी है.. आपका शुभचिंतक Ankit Singh Phogat ©Ankit Singh Phogat

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