"एक रोज मुझे यूं इश्क इजहार फरमाना हैं
तुम्हारी तारीफ करते हुए कोई गाना गाना हैं
फेर लेना चाहे नजरे शुरुआत में हमसे दोस्त
लेकिन चन्द मिंटो में अपने मुझे दौड़कर गले लगाना हैं
तालियों का शोर होगा और सीटिया चारों ओर
हमारी जोड़ी ने स्टेज पर कुछ यूं छा जाना हैं
कुछ इस तरह से ही तो इश्क इज़हार फरमाना हैं
पूरा जमाना जान जाए ये पहाड़ी लड़का उसका दीवाना हैं
©Virender Rawat
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