मैं एक खुआबो मैं रहने वाली एक आम सी लड़की थी..
फिर एक शाम ..
किसी आम से लड़के ने मुझे खास सा बना दिया..
बस एक दो बात और हमारी mulaquat
को जन्मो जन्मो का भगवान का aisara मान अपने रिश्ते को प्यार-dosti का नाम दिया...
फिर एक रात कुछ यू हुआ कि ...
बात तो एक दो ही हूँ लेकिन कुछ कड़वी लगी शायद जो प्यार से अब नाराजगी..ने अपनी जागा लेली...
कहानी मैं किरदार कई थे मगर कोई किरदार मिलाने वाला नहीं था ..
प्यार दोनों तरफ था ..
मगर आगे से बात करना कोई नहीं चाहता था..
बस यू ही ख़ामोशी ने जागा बना कर रिश्ते को आसुओ के साथ खुद्खुशी करनी पड़ी...
पर जान शायद आज भी बाकि है रिश्ते मैं जो आज भी इतजार है..
अनजाने मैं मिले अनजान शख्श का..
©writer_maya_
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