White {Bolo Ji Radhey Radhey}
वेद भी अनादि है, इसका यह अर्थ
नहीं कि वेद की पुस्तकें अनादि हैं;
परन्तु उसकी शिक्षा यानी उपदेश
अनादि है। जैसे 'सत्यं वद' 'धर्मं
चर'- 'सत्य बोलो', 'धर्माचरण करो'
इत्यादि यह शिक्षा अनादि,
सर्वव्यापक और सर्वमान्य है।
©N S Yadav GoldMine
#alone_sad_shayri {Bolo Ji Radhey Radhey}
वेद भी अनादि है, इसका यह अर्थ
नहीं कि वेद की पुस्तकें अनादि हैं;
परन्तु उसकी शिक्षा यानी उपदेश
अनादि है। जैसे 'सत्यं वद' 'धर्मं
चर'- 'सत्य बोलो', 'धर्माचरण करो'
इत्यादि यह शिक्षा अनादि,
सर्वव्यापक और सर्वमान्य है।