इज़हार आंखों में आंखें डाल कर पलकों को ना झपकाये सा | हिंदी कविता

"इज़हार आंखों में आंखें डाल कर पलकों को ना झपकाये सांसों की गर्मी का एहसास कर जुबां से कुछ ना कह पाये मेरी खामोशी वो समझी धड़कन की धक धक से मैं कहना क्या चाहता था वो समझी बिन शब्द से एहसास हुआ अब ये कि कितना मुश्किल है कुछ कहना मगर आसान है गले मिल कर उसको सबकुछ समझाना - आंजनेय अंजुल ©Anjul Srivastava"

 इज़हार आंखों में आंखें डाल कर
पलकों को ना झपकाये
सांसों की गर्मी का एहसास कर
जुबां से कुछ ना कह पाये
मेरी खामोशी वो समझी
धड़कन की धक धक से
मैं कहना क्या चाहता था
वो समझी बिन शब्द से
एहसास हुआ अब ये कि
कितना मुश्किल है कुछ कहना
मगर आसान है गले मिल कर
उसको सबकुछ समझाना

- आंजनेय अंजुल

©Anjul Srivastava

इज़हार आंखों में आंखें डाल कर पलकों को ना झपकाये सांसों की गर्मी का एहसास कर जुबां से कुछ ना कह पाये मेरी खामोशी वो समझी धड़कन की धक धक से मैं कहना क्या चाहता था वो समझी बिन शब्द से एहसास हुआ अब ये कि कितना मुश्किल है कुछ कहना मगर आसान है गले मिल कर उसको सबकुछ समझाना - आंजनेय अंजुल ©Anjul Srivastava

#आंजनेय_अंजुल #Nojoto #nojotohindi

#dilkibaat my heartbeat Karma Lakshmi singh @Naina Raj ... @Nidhi Dehru

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