ज़ुबाँ तो खोल ,नज़र तो मिला ,आवाज़ तो दें...(2 मैं क | English Shayari

"ज़ुबाँ तो खोल ,नज़र तो मिला ,आवाज़ तो दें...(2 मैं कितनी बार लुटा हूँ ज़िन्दगी हिसाब तो दें .राहत इंदौरी साहब. ©Ronac Vasudev"

 ज़ुबाँ तो खोल ,नज़र तो मिला ,आवाज़ तो दें...(2

मैं कितनी बार लुटा हूँ ज़िन्दगी हिसाब तो दें
            
                                   .राहत इंदौरी साहब.

©Ronac Vasudev

ज़ुबाँ तो खोल ,नज़र तो मिला ,आवाज़ तो दें...(2 मैं कितनी बार लुटा हूँ ज़िन्दगी हिसाब तो दें .राहत इंदौरी साहब. ©Ronac Vasudev

#RIPRahatIndori

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