मोदीकेयर (दोहे)
मोदीकेयर छा गया, बना यही आधार।
जीवन भी सुखमय हुआ, कलयुग में अवतार।।
हिय से सोचो जान लो, तुम इसके उपयोग।
भ्रम में मत रहना कभी, वरना घेरें रोग।।
मंजिल पानी है अगर, देना है श्रम दान।
कहते कुछ विद्वान हैं, इसमें मिलता मान।।
नासमझी में छोड़ते, कहते यह बेकार।
दूजों को भी रोकते, समझ उसे उपकार।।
मोदीकेयर ने दिया, हमको यह उपहार।
रोग ग्रसित जो हैं अभी, उनका बेडापार।।
धन वर्षा भी कर रहा, घुमा रहा परदेश।
मोदीकेयर से मिला, हमको यह परिवेश।।
उत्पादों की खासियत, पर हमको अभिमान।
क्यों छोड़ें अब हम इसे, यहीं मिला वरदान।।
मैं भी इसमें जुड़ गया, पाने को वरदान।
सेहत भी इससे मिली, और जगे अरमान।।
मोदीकेयर में बढ़ें, और कई उत्पाद।
हम सबकी यह लालसा, रहे नहीं अवसाद।।
मानूँ मैं देवेश हूँ, इसका ही आभार।
मोदीकेयर प्राण हैं, हम सबका आधार।।
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देवेश दीक्षित
©Devesh Dixit
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मोदीकेयर (दोहे)
मोदीकेयर छा गया, बना यही आधार।
जीवन भी सुखमय हुआ, कलयुग में अवतार।।
हिय से सोचो जान लो, तुम इसके उपयोग।