राब्ते में रहा इक-दो रात उसके बदन से मेरा बदन बाद | हिंदी Shayari

"राब्ते में रहा इक-दो रात उसके बदन से मेरा बदन बाद उसके, मौत के तआक़ुब में रहा मेरा बदन..! :- सुमन जानियाँ vh ©Suman Zaniyan"

 राब्ते में रहा इक-दो रात उसके बदन से मेरा बदन
 बाद उसके, मौत के तआक़ुब में रहा मेरा बदन..! 

  :- सुमन जानियाँ










vh

©Suman Zaniyan

राब्ते में रहा इक-दो रात उसके बदन से मेरा बदन बाद उसके, मौत के तआक़ुब में रहा मेरा बदन..! :- सुमन जानियाँ vh ©Suman Zaniyan

#तआक़ुब #इश्क

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