यूह सरे आम मेरी मोहब्बत को नीलाम न कर मुझे लोगो मे
"यूह सरे आम मेरी मोहब्बत को नीलाम न कर
मुझे लोगो मे कर के बदनाम तू अपना नाम न कर..
मुझे इन कसमो वादों रहो में लाकर।
तू ऐसे अपनी बातों से न मुकर।।
कभी तो मुझसे सच बोल।।
में थक चुका तेरे झूठ सुन सुन कर...."
यूह सरे आम मेरी मोहब्बत को नीलाम न कर
मुझे लोगो मे कर के बदनाम तू अपना नाम न कर..
मुझे इन कसमो वादों रहो में लाकर।
तू ऐसे अपनी बातों से न मुकर।।
कभी तो मुझसे सच बोल।।
में थक चुका तेरे झूठ सुन सुन कर....