मैं सब जानता हूँ फिर भी तहकीकात करना चाहता हूँ तुम | हिंदी Shayari

"मैं सब जानता हूँ फिर भी तहकीकात करना चाहता हूँ तुम न बोलो मैं तुम्हारे होंठ पढ़ना जानता हूँ एक अरसा हो गया है तुमसे कोई गुफ्तगू किये चलो फिर से कोई झूठ बोलो,मैं सच मे बात करना चाहता हूँ... ©Sunil Raniawala"

 मैं सब जानता हूँ फिर भी तहकीकात करना चाहता हूँ
तुम न बोलो मैं तुम्हारे होंठ पढ़ना जानता हूँ
एक अरसा हो गया है तुमसे कोई गुफ्तगू किये
चलो फिर से कोई झूठ बोलो,मैं सच मे बात करना चाहता हूँ...

©Sunil Raniawala

मैं सब जानता हूँ फिर भी तहकीकात करना चाहता हूँ तुम न बोलो मैं तुम्हारे होंठ पढ़ना जानता हूँ एक अरसा हो गया है तुमसे कोई गुफ्तगू किये चलो फिर से कोई झूठ बोलो,मैं सच मे बात करना चाहता हूँ... ©Sunil Raniawala

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