जलता हूँ, तो ही लिखता हूँ वरना झिलमिला झिलमिला सा | हिंदी शायरी

"जलता हूँ, तो ही लिखता हूँ वरना झिलमिला झिलमिला सा फिरता हूँ लिख दू हर दर्द मुमकिन तो नही पर एहसासो को लिखने की पूरी कोशिश करता हूँ।"

 जलता हूँ, तो ही लिखता हूँ
वरना झिलमिला झिलमिला सा फिरता हूँ
लिख दू हर दर्द मुमकिन तो नही 
पर एहसासो को लिखने की पूरी कोशिश करता हूँ।

जलता हूँ, तो ही लिखता हूँ वरना झिलमिला झिलमिला सा फिरता हूँ लिख दू हर दर्द मुमकिन तो नही पर एहसासो को लिखने की पूरी कोशिश करता हूँ।

#Life_Story

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