काहू न कोई सुख दुख कर दाता || निज कृत कर्म भोग सब | हिंदी विचार

"काहू न कोई सुख दुख कर दाता || निज कृत कर्म भोग सबु भ्राता|| ........ भावार्थ रामचरित मानस में भगवान कहते निषाद राज से संसार में ना कोई किसी को सुख पहुंचा सकता हैं और न ही दुख भगवान कहते है जीव को इस संसार अपने कर्म के अनुसार दुख और सुख मिलते है ( गौरव निषाद ) ©Gaurav nishad hamirpur"

 काहू न कोई सुख दुख कर दाता ||

निज कृत कर्म भोग सबु भ्राता||

........ भावार्थ रामचरित मानस में  भगवान कहते निषाद राज से
संसार में ना कोई किसी को सुख पहुंचा सकता हैं
और न ही दुख भगवान कहते है जीव को इस संसार 
अपने कर्म के अनुसार दुख और सुख मिलते है
( गौरव निषाद )

©Gaurav nishad hamirpur

काहू न कोई सुख दुख कर दाता || निज कृत कर्म भोग सबु भ्राता|| ........ भावार्थ रामचरित मानस में भगवान कहते निषाद राज से संसार में ना कोई किसी को सुख पहुंचा सकता हैं और न ही दुख भगवान कहते है जीव को इस संसार अपने कर्म के अनुसार दुख और सुख मिलते है ( गौरव निषाद ) ©Gaurav nishad hamirpur

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