उदासियाँ खोजनी नहीं पड़ती
बहुत आसानी से मिल जाती हैं!
कभी रसोई में खड़ी उफनते दूध के साथ बेख्याल खड़ी हुई
कभी घंटों रुकी हुई किताब के किसी पन्नों पर
चाय बिगड़ती हुई
रोटियाँ जलाती हुई
सभी बातों पर " ठीक है " कहती हुई
इयरफोन लगाए गीत सुनती हुई
ज़रा सा जोर से आवाज़ में बात कर देनें पर सहम सी जाती हुई!
नताशा राय✍️
Natasha Rai
©Natasha Rai
#Life