चलना तो इंसान की फितरत है और हर चलते हुये इंसान के | हिंदी Love
"चलना तो इंसान की फितरत है
और हर चलते हुये इंसान के पीछे एक कहानी होती है,
वो कहानी या तो उसे चलने के लिये प्रोत्साहन करती है या बैसाखी बन उसकी लरखराहट का सहारा,
मायने भले ही अलग हो पर इंसान रूकता नहीं, चलता जाता है।"
चलना तो इंसान की फितरत है
और हर चलते हुये इंसान के पीछे एक कहानी होती है,
वो कहानी या तो उसे चलने के लिये प्रोत्साहन करती है या बैसाखी बन उसकी लरखराहट का सहारा,
मायने भले ही अलग हो पर इंसान रूकता नहीं, चलता जाता है।