Nature Quotes फूलों के मोसम में
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प्रेम के मोसम में
कविताएँ आ जाती हैं
जैसे फूलों के मोसम में
आ जाती हैं तितलियाँ
प्रेम के मोसम में
पत्ते झरते हैं
कोपलें निकलती हैं
घास भीगी भीगी रहती
प्रेम के मोसम में
चांदनी नदी में नहाने उत्तर आती है
चुप्पी बोलने लगती है
प्रेम के मोसम
बातें चुप हो जाती हैं
प्रेम फुर्सत की चीज नहीं
फिर भी
जब भी करना प्रेम
थोड़ी फुर्सत से करना
ताकि तुम्हारे लिए
तोड़े गये फूलों की सुगंध बची रह जाये
तुम्हारी आत्मा में।
©Naresh Kumar khajuria
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