वो जली हुई रोटियों को सबसे नीचे दबा देती है,
आज भी वह मेरी गलतियां बड़े आराम से छुपा लेती है
वो मुझसे कभी कहती नहीं कि परेशान है वो
मेरी आदतों से कुछ देर मुंह फुला कर फिर खिलखिला देती है
गर आधी रात को मैं कहूं मुझे भूख लगी है
दिन भर की थकान के बाद भी वो चूल्हा जला लेती है
वो जली हुई रोटियों को सबसे नीचे दबा देती है
आज भी वो मेरी गलतियां बड़े आराम से छुपा लेती है
#DilKiKalamSey
वो जली हुई रोटियों को सबसे नीचे दबा देती है,
आज भी वह मेरी गलतियां बड़े आराम से छुपा लेती है
वो मुझसे कभी कहती नहीं कि परेशान है वो
मेरी आदतों से कुछ देर मुंह फुला कर फिर खिलखिला देती है
गर आधी रात को मैं कहूं मुझे भूख लगी है
दिन भर की थकान के बाद भी वो चूल्हा जला लेती है
वो जली हुई रोटियों को सबसे नीचे दबा देती है आज भी वो मेरी गलतियां बड़े आराम से छुपा लेती है