यकीन कोई भी लकीर नही ऐसी जो कह दे तुझे तेरी तकदि | हिंदी शायरी
"यकीन
कोई भी लकीर नही ऐसी
जो कह दे तुझे तेरी तकदिर नही
अगर हुई तेरी हार तो मन ले ये बात
इसका तुही जिम्मेदार कोई और नही
कहते है रीत यही
नए जमाने की है देखो नए गीत यही
जो कुछ खोयेगा वो भी पा जाएगा
कर खुद पे "यकीन"!!!"
यकीन
कोई भी लकीर नही ऐसी
जो कह दे तुझे तेरी तकदिर नही
अगर हुई तेरी हार तो मन ले ये बात
इसका तुही जिम्मेदार कोई और नही
कहते है रीत यही
नए जमाने की है देखो नए गीत यही
जो कुछ खोयेगा वो भी पा जाएगा
कर खुद पे "यकीन"!!!