कैसे तुम बिन जिए जा रहे है
पाने की ज़िद मे जिए जा रहे है
आओ तुम्हारा माथा चूम लू मै
यादें तुम्हारी लिए जा रहे है
हसरत ये दिल मे लिए जा रहे है
पाने की ज़िद मे जिए जा रहे है
यादें तुम्हारी कहती है मुझसे
साँसों मे अपनी भरे जा रहे है
दिल के चराग बुझे जा रहे है
दूर तुझसे हुए जा रहे है
तेरी जुदाई जान लेगी मेरी
धड़कन ये दिल कि रुकी जा रही है
मेरे खयालो मे बस एक तुम्ही हो
दिल कि सदाओ मे बस एक तुम्ही हो
चाहेगा फैज़ान तुम्हे हर घड़ी मे
मेरी शिफा मेरी दुआएं तुम्ही हो
©Faizan Kanpuri
#desert