White हम मिले, ठहरे, फिर चले, अब चलते जाना है
परिंदों का भी भला कोई एक ठिकाना है
राह में फिर यकदम मिल जायेंगे किसी रोज़
ये गली जानी-पहचानी है हमेशा आना-जाना है
तुम बस ख्याल रखना अपना ए दोस्तों
जालसाजी, फरेबी और धोखाधड़ी का जमाना है
शिकस्त अपनों से हो तो फिर भी ठीक है
हाथ में खंज़र है और कोई गीत गुनगुनाना है
अब संभल जाओ "गौरव" के दिन बदल गए
किसी से मिलना-जुलना हो तो फिर मुस्कुराना है।
©️iamkumargourav
©Gourav (iamkumargourav)
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