मैं भूलना चाहता हूं, इस तारीख को, क्यूंकि मेरे लिय | हिंदी कविता Video

"मैं भूलना चाहता हूं, इस तारीख को, क्यूंकि मेरे लिये आप, आज भी यहीं हो। मेरी निराशा में, मेरे दोस्त बनकर, मुझमें आशा, भरने के लिये। मेरी अनिद्रा में, मुझे लोरी सुनाकर, मीठी नींद में, सुलाने के लिये। मेरी थकान में, कभी कुर्सी बनकर, मुझे आराम, देने के लिये। आप सदैव मेरे साथ हो, क्यूं याद रखूं मैं, ये तारीख? ©Nishchhal Neer "

मैं भूलना चाहता हूं, इस तारीख को, क्यूंकि मेरे लिये आप, आज भी यहीं हो। मेरी निराशा में, मेरे दोस्त बनकर, मुझमें आशा, भरने के लिये। मेरी अनिद्रा में, मुझे लोरी सुनाकर, मीठी नींद में, सुलाने के लिये। मेरी थकान में, कभी कुर्सी बनकर, मुझे आराम, देने के लिये। आप सदैव मेरे साथ हो, क्यूं याद रखूं मैं, ये तारीख? ©Nishchhal Neer

#FathersDay #pita #poem #Poetry

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