खो गया चैन मेरा, दुनियाँ के नजारे देख
आतिशबाजी से डर गये से सितारे देख
अक्ल में बेहतर जानवरो से बेशक इंसान,
खाता हैं मारकर , कैसे वे किस्मत के बेचारे देख।
बगीचे काटकर बना दी है बस्तियां कमलेश
दीवारों पर जिनके लिखे "पेड़ बचाने के नारे देख।
अपने अपने मन के कारण बंटे हुए हैं इंसान,
कुछ हो गये पराये, कुछ हो गये हमारे देख
©Kamlesh Kandpal
#lost