White जो भरा नहीं है भावों से जिसमें बहती रसधार नह | हिंदी कविता

"White जो भरा नहीं है भावों से जिसमें बहती रसधार नहीं। हृदय नहीं वो पत्थर है जिसमें स्वदेश के लिए प्यार नहीं।। बात करते हैं स्वतंत्रता की लड़ाई की-- चंद पंक्तियों के माध्यम से जानते हैं, कितने वीरों ने खुद को कुर्बान किया, तब हमने स्वतंत्रता का रसपान किया। मां बाप ने बेटा खोया बहनों ने भाई, कितनी स्त्रियों ने खोया पति, न जाने कितनी हुई सती। आजादी की खातिर जो फांसी के फंदे पर झूल गये, हम आजादी का आनंद लेते हुए उन‌ सबको भूल गये।। जब भारत आजाद हो गया उस वक्त की बात करते हैं कुछ पंक्तियों के माध्यम से, अब वो ऐतिहासिक पल आया, भारत का तिरंगा खुले आसमान में लहराया। नया अध्याय लिखने की अब बारी थी, ये आजादी हमें जान से भी प्यारी थी। समय बीतता गया हालात बदलते गये कुछ पंक्तियों से जानते हैं कैसा है आधुनिक भारत- देश में अब धर्म, जाति का जय जयकारा है, नहीं बचा अब वो भाईचारा है। जिस भारत का सपना सबने देखा वो अभी अधूरा है, हम सबको मिलकर करना उसको पूरा है।। धर्म और जाति की राजनीति को हटाना है, भारत को विश्व गुरु बनाना है। जय हिन्द, जय भारत।। ©Vishal Garg Visarg"

 White जो भरा नहीं है भावों से जिसमें बहती रसधार नहीं।
हृदय नहीं वो पत्थर है जिसमें स्वदेश के लिए प्यार नहीं।।

बात करते हैं स्वतंत्रता की लड़ाई की--

चंद पंक्तियों के माध्यम से जानते हैं,

कितने वीरों ने खुद को कुर्बान किया,
तब हमने स्वतंत्रता का रसपान किया।

मां बाप ने बेटा खोया बहनों ने भाई,
कितनी स्त्रियों ने खोया पति,
न जाने कितनी हुई सती।

आजादी की खातिर जो फांसी के फंदे पर झूल गये,
हम आजादी का आनंद लेते हुए उन‌ सबको भूल गये।।


जब भारत आजाद हो गया उस वक्त की बात करते हैं कुछ पंक्तियों के माध्यम से,

अब वो ऐतिहासिक पल आया,
भारत का तिरंगा खुले आसमान में लहराया।
नया अध्याय लिखने की अब बारी थी,
ये आजादी हमें जान से भी प्यारी थी।

समय बीतता गया हालात बदलते गये कुछ पंक्तियों से जानते हैं कैसा है आधुनिक भारत-

देश में अब धर्म, जाति का जय जयकारा है,
नहीं बचा अब वो भाईचारा है।
जिस भारत का सपना सबने देखा वो अभी अधूरा है,
हम सबको मिलकर करना उसको पूरा है।।
धर्म और जाति की राजनीति को हटाना है,
भारत को विश्व गुरु बनाना है।


जय हिन्द, जय भारत।।

©Vishal Garg Visarg

White जो भरा नहीं है भावों से जिसमें बहती रसधार नहीं। हृदय नहीं वो पत्थर है जिसमें स्वदेश के लिए प्यार नहीं।। बात करते हैं स्वतंत्रता की लड़ाई की-- चंद पंक्तियों के माध्यम से जानते हैं, कितने वीरों ने खुद को कुर्बान किया, तब हमने स्वतंत्रता का रसपान किया। मां बाप ने बेटा खोया बहनों ने भाई, कितनी स्त्रियों ने खोया पति, न जाने कितनी हुई सती। आजादी की खातिर जो फांसी के फंदे पर झूल गये, हम आजादी का आनंद लेते हुए उन‌ सबको भूल गये।। जब भारत आजाद हो गया उस वक्त की बात करते हैं कुछ पंक्तियों के माध्यम से, अब वो ऐतिहासिक पल आया, भारत का तिरंगा खुले आसमान में लहराया। नया अध्याय लिखने की अब बारी थी, ये आजादी हमें जान से भी प्यारी थी। समय बीतता गया हालात बदलते गये कुछ पंक्तियों से जानते हैं कैसा है आधुनिक भारत- देश में अब धर्म, जाति का जय जयकारा है, नहीं बचा अब वो भाईचारा है। जिस भारत का सपना सबने देखा वो अभी अधूरा है, हम सबको मिलकर करना उसको पूरा है।। धर्म और जाति की राजनीति को हटाना है, भारत को विश्व गुरु बनाना है। जय हिन्द, जय भारत।। ©Vishal Garg Visarg

मेरा भारत महान ❤️
#happy_independence_day
#Nojoto #nojotohindi #ilovemyindia

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