इन हाथों की लकीरों में नाम तुम्हारा है, मेरी उची उ
"इन हाथों की लकीरों में नाम तुम्हारा है,
मेरी उची उड़ाई को तेरे पंखों ने संवारा है,
मेरा दिन तो क्या रात तक तुम्हारी है,
मेरी हर सांस को बस अब तेरा सहारा है।"
इन हाथों की लकीरों में नाम तुम्हारा है,
मेरी उची उड़ाई को तेरे पंखों ने संवारा है,
मेरा दिन तो क्या रात तक तुम्हारी है,
मेरी हर सांस को बस अब तेरा सहारा है।