""अतीत"
हर बार इसे भुलाकर आगे बढ़ जाना चाहा...
फिर फिर भी बार-बार यादों की बरसात मे उग आता है कुकुरमुत्ते की तरह...
सफेद होता है कुकुरमुत्ता,
बिल्कुल कफन की तरह....
कफन कि जिसमे लिपटा है
'अतीत' जिंदा लाश की तरह..."
"अतीत"
हर बार इसे भुलाकर आगे बढ़ जाना चाहा...
फिर फिर भी बार-बार यादों की बरसात मे उग आता है कुकुरमुत्ते की तरह...
सफेद होता है कुकुरमुत्ता,
बिल्कुल कफन की तरह....
कफन कि जिसमे लिपटा है
'अतीत' जिंदा लाश की तरह...