शाख़ों से टूट जाएँ वो पत्ते नहीं हैं हम आँधी से को | हिंदी Shayari

"शाख़ों से टूट जाएँ वो पत्ते नहीं हैं हम आँधी से कोई कह दे कि औक़ात में रहे उस की याद आई है साँसो ज़रा आहिस्ता चलो धड़कनों से भी इबादत में ख़लल पड़ता है ©Rayyan Khan"

 शाख़ों से टूट जाएँ वो पत्ते नहीं हैं हम आँधी से कोई कह दे कि औक़ात में रहे  उस की याद आई है साँसो ज़रा आहिस्ता चलो धड़कनों से भी इबादत में ख़लल पड़ता है

©Rayyan Khan

शाख़ों से टूट जाएँ वो पत्ते नहीं हैं हम आँधी से कोई कह दे कि औक़ात में रहे उस की याद आई है साँसो ज़रा आहिस्ता चलो धड़कनों से भी इबादत में ख़लल पड़ता है ©Rayyan Khan

miss uh indori sahab 🥺

#SuperBloodMoon #rahatindorisahab

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