White होठों की तड़प आंखों से बहती है जब भीगे मौ | हिंदी शायरी Video

"White होठों की तड़प आंखों से बहती है जब भीगे मौसम में कसूर तुम्हारा नहीं खुद को कसूर वार ठहरा लेती हूँ गरजते बरसते काले -काले मेघो से अब डरती नहीं भीगी भीगी ऋतु में ठंडी हवाओं को पास बुला लेती हूँ उम्मीद लगाए बैठी थी कब से आओगे सावन की झड़ी में टूटी उम्मीदों मे गंगा के निश्चल निर्मल जल से नहा लेती हूँ #स्वरचित #पूनम_सेठी ©Poonam Sethi "

White होठों की तड़प आंखों से बहती है जब भीगे मौसम में कसूर तुम्हारा नहीं खुद को कसूर वार ठहरा लेती हूँ गरजते बरसते काले -काले मेघो से अब डरती नहीं भीगी भीगी ऋतु में ठंडी हवाओं को पास बुला लेती हूँ उम्मीद लगाए बैठी थी कब से आओगे सावन की झड़ी में टूटी उम्मीदों मे गंगा के निश्चल निर्मल जल से नहा लेती हूँ #स्वरचित #पूनम_सेठी ©Poonam Sethi

#sad_quotes

People who shared love close

More like this

Trending Topic