White एक खालीपन सा है अभी ए खुदा मेरे लफ्जों की स्याही में,
मिलेंगी तुझे तो जब ढूंढेगा छींटे गहरी मेंरी तन्हा स्याही में,
गुप अंधेरा दिखा है मुझको जब जब ढूंढा तुझे स्याही में,
रंग चाहे कितने भी रख लूं तेरे बिन मैं कागज़ की स्याही में,
रूप निखार सब लिख देते हैं मैं लिखता सादगी तेरी स्याही में,
जान डाल देती है एक अदा बस तेरी ना जानें क्यों स्याही में।।
©Alfaaz dil se
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