हुस्न कि धमकियां ना दो हमें हमारे तो चारों तरफ हरि | हिंदी शायरी

"हुस्न कि धमकियां ना दो हमें हमारे तो चारों तरफ हरियाली है और क्या कहती थी तुम अकेला रहूंगा मैं लाडो तेरी ना जाने कितनी सहेलियां हमारी दिवानी हैं । ©ajay t@nk"

 हुस्न कि धमकियां ना दो हमें
हमारे तो चारों तरफ हरियाली है
और क्या कहती थी तुम अकेला रहूंगा मैं
लाडो तेरी ना जाने कितनी सहेलियां हमारी दिवानी हैं ।

©ajay t@nk

हुस्न कि धमकियां ना दो हमें हमारे तो चारों तरफ हरियाली है और क्या कहती थी तुम अकेला रहूंगा मैं लाडो तेरी ना जाने कितनी सहेलियां हमारी दिवानी हैं । ©ajay t@nk

#lostlove

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