कोई दीवाना कहता है , कोई पागल समझता है मगर धरती की
"कोई दीवाना कहता है ,
कोई पागल समझता है
मगर धरती की बेचैनी तो बस बादल
समझता है
में तुझसे दूर कैसा हूं तु मुझसे दूर कैसी है
ये ..तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है।"
कोई दीवाना कहता है ,
कोई पागल समझता है
मगर धरती की बेचैनी तो बस बादल
समझता है
में तुझसे दूर कैसा हूं तु मुझसे दूर कैसी है
ये ..तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है।