मजबूरियों ने बाँधा था मुझे गुंजाइश इश्क़ में क्या र | हिंदी शायरी

"मजबूरियों ने बाँधा था मुझे गुंजाइश इश्क़ में क्या रही वक़्त बेवक़्त चाहा तुझे आजमाईश इश्क़ में क्या रही ख्वाब भी बुने रास्ते भी चुने रातों को चलता किया था कभी तू कहता था रब मिल गया तो ख्वाईश इश्क़ में क्या रही ©Lucky Arora"

 मजबूरियों ने बाँधा था मुझे गुंजाइश इश्क़ में क्या रही 
वक़्त बेवक़्त चाहा तुझे आजमाईश इश्क़ में क्या रही    
ख्वाब भी बुने रास्ते भी चुने रातों को चलता किया था कभी 
तू कहता था रब मिल गया तो ख्वाईश इश्क़ में क्या रही

©Lucky Arora

मजबूरियों ने बाँधा था मुझे गुंजाइश इश्क़ में क्या रही वक़्त बेवक़्त चाहा तुझे आजमाईश इश्क़ में क्या रही ख्वाब भी बुने रास्ते भी चुने रातों को चलता किया था कभी तू कहता था रब मिल गया तो ख्वाईश इश्क़ में क्या रही ©Lucky Arora

#Hindi #shayri #Zindagi
#LostTracks

People who shared love close

More like this

Trending Topic